24 घंटे का लक्ष्य, अभ्यास में 7 घंटे तक कर पा रहे नृत्य विश्व में पहली बार बुरहानपुर के कलाकारों ने ली ये चुनौती।।
प्रदेश पत्रिका:- बुरहानपुर, निमाह का प्रसिद्ध कार, पोरिया और गणवीर नृत्य विश्व रिकॉर्ड बनाने को तैयार है। मुनपुर के लोककलाकारों वल चुनौती को पूरा करने के लिए शनिवार दोपहर 1 बजे से तोविदजीवाला ऑडिटोरियम में नृत्य करने उतरेगा। लंदन में आई टीम इस रिकॉर्ड की सफेद करेगी। २ कलाकारों की टीम में ।। नाथ सं बाले रहेंगे, यह तो बालते रहेंगे, पर ही सोने, जो दुनिया की बड़ी बड़ी चुनौती वाला रिकॉर्ड होगा।
मप्र टूरिज्म बोई घोपाल एवं जिला पुराल पर्यटन एवं संस्कृति परिषद जिल्ला प्रशासन के तत्वावधान में यह आयोजन ही रहा है। दुनिया की नजर मप्र के जनजातीय एवं लोक नृत्यों पर पड़े इसलिए लोक कलाकार के प्रमुख मुकेश दरबार और उनकी टीम यह रिकॉर्ड बनाने मंच पर उतरेंगे। लोक कला के संवर्धन, प्रोलान पर्यटन को बढ़ाया देने के उद्देश्य से श्रेणी में वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड कार्यक्रम का आयोजन होगा। इस अवसर पर कलाकार बिना के लीक की प्रस्तुति देंगे। शुक्रबार दीपहर कार्यक्रम शुरू होगा शनिवार को पुरस्कार वितरण किया आएगा।
डांस के समय ही जूस, नारियल पानी पी सकेंगे।
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डांस की प्रैक्टिस करते कलाकार। |
लोक नृत्य और मांदल बांसुरी की गूंज रहेगी।
भगोरिया, फगवा और गणगोर हो तो साथ में ढोल, मांदल और बांसुरी कि मधुर गुंज भी होगी। 11 लोगों को टीम यह यंत्र बजाएगी, इसमें यह बजाने वाले लोग बदलते रहेंगे । या मांदल, बांसुरी, टिमकी, थाली ढोलक, झांझ, बजाएंगे। गणगोर में 7 से 8 स्टेप है, फगवा में 11 स्टेप है,गोरिया 15 स्टेप है। बड़ी बात यह भी है कि मुकेश दरबार की टीम ने देशभर के कई शहरों में लोक नृत्य की प्रस्तुति दी है। विदेश में कंबोडिया, तुर्कमेनिस्तान में भी प्रस्तुति दे चुके है।
विश्व रिकॉर्ड से यह होगा फायदा
मुकेश दरबार ने बताया कि यह उनका 15 साल का सपना है। तोक नृत्य की देश दुनिया में प्रस्तुति दी, लेकिन इससे दुनिया की नजर हमारे निमाड़ के लोकनृत्य पर पड़ेगी। वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्डस लंदन की टीम इसके लिए जा रही है। पूरा लाइव रिकॉर्ड होगा।
इन कलाओं में बने विश्व रिकॉर्ड
- खजुराहों में शास्त्री नूत्म मैराथन का रिकॉर्ड बना है, लेकिन यह क्लासिकल डांस की श्रेणी का रहा ।
- असम में 8 हजार लोगों ने एक साथ 2 घंटे बिहु डांस रिकॉर्ड बनाया।
- लोकनृत्य का रिकॉर्ड किसी का भी नहीं रहा, यह चैलेंज बुरहानपुर ने लिया है। इसमें 21 सें 45 साल की उम्र के लोग शामिल हैं।
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